- Agra
- Firozabad
- Kannauj
- Lucknow
- Merrut
- Moradabad
- varanasi
- Agra
- Aligarh
- Ambedkar Nagar
- Amethi
- Amroha
- Auraiya
- Azamgarh
- Baghpath
- Bahraich
- Ballia
- Balrampur
- Banda
- Barabanki
- Bareilly
- Basti
- Bhadoi
- Bijnor
- Budaun
- Bulandshahar
- Chandauli
- Chitrakoot
- Deoria
- Etah
- Etawah
- Faizabad
- Farrukhabad
- Fatehpur
- Firozabad
- Gautam Budh Nagar
- Ghaziabad
- Ghazipur
- Gonda
- Gorakhpur
- Hamirpur
- Hapur
- Agra
- Amroha
Ayodhya- Azamgarh
- Bhadohi
- Firozabad
- Gorakhpur
Alleppey- Bikaner
- Chhindwara
- Gwalior
- Hardoi
- Hathras
- Jalaun
- Jaunpur
- Jhansi
- Kannauj
- Kanpur Dehat
- Kanpur Nagar
- Kasganj
- Kaushambi
- Kushinagar
- Lakhimpur Kheri
- Lalitpur
Book overview
गोयल साहब के नुस्खे
यह किताब आयुर्वेद के उन बुनियादी और व्यावहारिक सिद्धांतों पर आधारित है, जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सीधे लागू किए जा सकते हैं। इसका उद्देश्य आयुर्वेद को जटिल भाषा या सिर्फ जड़ी-बूटियों तक सीमित रखने के बजाय, आम आदमी की भाषा और जरूरतों के हिसाब से पेश करना है। इस किताब में जो नुस्खे दिए गए हैं, वे किसी प्रयोगशाला की थ्योरी नहीं हैं। ये घर-घर में आज़माए गए, पीढ़ियों से चले आ रहे, और खुद गोयल साहब के रोज़मर्रा के अनुभव से निकले उपाय हैं। बात सिर्फ हल्दी-दूध या गिलोय की नहीं है- बात ये है कि कब क्या करना है, कैसे करना है, और सबसे ज़रूरी, क्या नहीं करना है। नुस्खे कोई जादू नहीं, बस सही आदतें हैं। छोटी-छोटी आदतें हैं, छोटी-छोटी चीजें हैं, जिन्हें हम प्रकृति से लेकर अपनी ज़िन्दगी में शामिल कर सकते हैं। और फिर हम देख पाएंगे कि हमारी सेहत में जबरदस्त परिवर्तन कैसे आता है।
सुभाष गोयल, ‘चंडीगढ़ वाले’ एक प्रख्यात नाड़ी वैद्य, नेचुरोपैथी-योग विशेषज्ञ, उद्यमी और आयुर्वेद के समर्पित प्रचारक हैं। वह वैदबान कंपनी के मुख्य संस्थापक हैं, जो आयुर्वेदिक उत्पादों और स्वास्थ्य समाधानों के लिए प्रसिद्ध है। लगभग तीन दशकों से सुभाष गोयल आयुर्वेद के प्रति जागरूकता फैलाने में सक्रिय हैं, जिसके लिए उन्हें दुबई में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी यह पुस्तक आयुर्वेद पर आधारित है, जिसमें उन्होंने प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति के खोए हुए और प्रामाणिक नुस्खों को पुनर्जीवित किया है, ताकि लोग अपनी जड़ों से जुड़ सकें। उनकी लेखनी सरलता और गहराई का अनूठा संगम है। खाली समय में ध्यान, यात्रा और प्रकृति से जुड़ना उन्हें प्रिय है। चंडीगढ़ में निवास करने वाले सुभाष गोयल सामाजिक कार्यों और आयुर्वेद प्रचार में अग्रणी हैं।








Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.